Santoshi mata ki aarti Hindi aur English me yahan prastut hai. Santoshi mata ki aarti ko shukrawar ki aarti bhi kehte hain. Santoshi mata ki vrat katha yahan link se pad sakte hain.
संतोषी माता की आरती अंग्रेजी और हिंदी में यहां प्रस्तुति की गई है। संतोषी माता की आरती को शुक्रवार की आरती भी कहते हैं। संतोषी माता की व्रत कथा यहां लिंक से पड़ सकते हैं।
Santoshi Mata ki Aarti | संतोषी माता की आरती
Santoshi Mata is a goddess in Sanatan Dharm who is the granddaughter of Lord Shankar and Goddess Parvati. Lord Ganesha is the youngest son of Lord Shankar and Goddess Parvati and she is the daughter of Lord Ganesh’s and his wife Riddhi-Siddhi. She is the niece of Kartikeya, Ashok sundari, Ayyapa, Jyoti and Mansa and the sister of Shubh, Labh and the goddess of contentment. His day is considered to be Friday.
संतोषी माता सनातन धर्म में एक देवी हैं जो भगवान शंकर तथा माता पार्वती की पौत्री हैं। भगवान शंकर तथा माता पार्वती के सबसे छोटे पुत्र भगवान गणेश और उनकी पत्नी ऋद्धि-सिद्धि की पुत्री हैं। कार्तिकेय, अशोकसुन्दरी, अय्यापा, ज्योति और मनसा की भतीजी और शुभ, लाभ की बहन तथा संतोष की देवी हैं। इनका दिवस शुक्रवार माना गया है।
Santoshi Mata Aarti | संतोषी माता आरती (Hindi)
जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता ।
अपने सेवक जन की, सुख सम्पति दाता ॥1॥
जय सन्तोषी माता…
सुन्दर चीर सुनहरी, मां धारण कीन्हो ।
हीरा पन्ना दमके, तन श्रृंगार लीन्हो ॥2॥
जय सन्तोषी माता…
गेरू लाल छटा छबि, बदन कमल सोहे ।
मंद हंसत करुणामयी, त्रिभुवन जन मोहे ॥3॥
जय सन्तोषी माता…
स्वर्ण सिंहासन बैठी, चंवर दुरे प्यारे ।
धूप, दीप, मधु, मेवा, भोज धरे न्यारे ॥4॥
जय सन्तोषी माता…
गुड़ अरु चना परम प्रिय, तामें संतोष कियो ।
संतोषी कहलाई, भक्तन वैभव दियो ॥5॥
जय सन्तोषी माता…
शुक्रवार प्रिय मानत, आज दिवस सोही ।
भक्त मंडली छाई, कथा सुनत मोही ॥6॥
जय सन्तोषी माता…
मंदिर जग मग ज्योति, मंगल ध्वनि छाई ।
विनय करें हम सेवक, चरनन सिर नाई ॥7॥
जय सन्तोषी माता…
भक्ति भावमय पूजा, अंगीकृत कीजै ।
जो मन बसे हमारे, इच्छित फल दीजै ॥8॥
जय सन्तोषी माता…
दुखी दारिद्री रोगी, संकट मुक्त किए ।
बहु धन धान्य भरे घर, सुख सौभाग्य दिए ॥9॥
जय सन्तोषी माता…
ध्यान धरे जो तेरा, वांछित फल पायो ।
पूजा कथा श्रवण कर, घर आनन्द आयो ॥10॥
जय सन्तोषी माता…
चरण गहे की लज्जा, रखियो जगदम्बे ।
संकट तू ही निवारे, दयामयी अम्बे ॥11॥
जय सन्तोषी माता…
सन्तोषी माता की आरती, जो कोई जन गावे ।
रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति, जी भर के पावे ॥12॥
जय सन्तोषी माता…
Aarti Santoshi Mata ki Sampoorn | आरती संतोषी माता की समपूर्ण
Santoshi Mata Aarti Lyrics | संतोषी माता आरती लिरिक्स (English)
Jai Santoshi Mata, Maiya Jai Santoshi Mata,
Apne Sewak Jan Ki, Sukh Sampati Data ॥1॥
Jai Santoshi Mata…
Sundar Chir Sunahri Maa Dharan Kinhon,
Hira Pana Damke, Tan Shringar Linyoh ॥2॥
Jai Santoshi Mata…
Geru Lal Chhata Chhavi, Badan Kamal Sohe,
Mand Hansat Karunamayi, Tribhuvan Jan Mohe ॥3॥
Jai Santoshi Mata…
Swarna Sinhasan Baithi, Chanvar Dhure Pyare,
Dhup, Deep, Madhu, Mewa, Bhog Dhare Nyare ॥4॥
Jai Santoshi Mata…
Gud Aur Chana Param Priya, Tamen Santosh Kiyo,
Santoshi Kahlai, Bhaktan Vaibhav Diyo ॥5॥
Jai Santoshi Mata…
Shukrawar Priya Manat, Aaj Divas Sohi,
Bhakti Mandali Chhai, Katha Sunat Mohi ॥6॥
Jai Santoshi Mata…
Mandir Jag Mag Jyoti, Mangal Dhwani Chhai,
Vinai Kare ham Sewak, Charnan Sir Nai ॥7॥
Jai Santoshi Mata…
Bhakti Bhawmai, Puja Angikrit Kijai,
Jo Man Vasai Hamare, Ichhit Phal Dijai ॥8॥
Jai Santoshi Mata…
Dukh Daridri Raug, Sankat Mukt Kijai,
bahu Dhan Dhany Bhare Ghar, Sukh Saubhagya Keejai ॥9॥
Jai Santoshi Mata…
Dhyan Dhare Jo Tera, Manvanchhit Phal Payo,
Puja Katha Shravan Kar, Ghar Anand Aayo ॥10॥
Jai Santoshi Mata…
Charan Gahe Ki Lajja, Rakhiyo Jagdambe,
Sankat Tu Hi Niware, Dayamayi Ambe ॥11॥
Jay Santoshi Mata…
Santoshi Mata Ki Aarti, Jo Koi Jan Gavai,
Riddhi-siddhi Sukh Sampati, Ji Bhar Ke Pavai ॥12॥
Jay Santoshi Mata…